“लैंगिक भेदभाव और हिंसा देख चुप नहीं रहेंगे”—मानव अधिकार दिवस पर युवाओं का संकल्प

Dec 10, 2025 - 23:08
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“लैंगिक भेदभाव और हिंसा देख चुप नहीं रहेंगे”—मानव अधिकार दिवस पर युवाओं का संकल्प

भोपाल। अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस के मौके पर राजधानी में सामाजिक संस्था सरोकार और राजीव गांधी महाविद्यालय द्वारा आयोजित संयुक्त कार्यक्रम में युवाओं ने यह संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में किसी भी रूप में दिखाई देने वाले लैंगिक भेदभाव और हिंसा को नज़रअंदाज़ नहीं करेंगे—न चुप रहेंगे, न चुप रहने देंगे।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने जोर देकर कहा कि जेंडर आधारित हिंसा किसी एक जेंडर का मुद्दा नहीं, बल्कि मानव गरिमा और समानता की लड़ाई है।

“जेंडर संवेदनशीलता महिलाओं तक सीमित नहीं, यह हर नागरिक का अधिकार”

कार्यक्रम में सरोकार की सचिव कुमुद सिंह ने विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से छात्रों से जेंडर से जुड़े प्रश्न पूछे। छात्रों के उत्तरों से यह स्पष्ट हुआ कि—

  • समाज में जेंडर आधारित भेदभाव व हिंसा की स्थिति काफी गंभीर है।

  • अधिकांश युवा इसे केवल महिलाओं के मुद्दे तक सीमित समझते हैं, जबकि किसी भी जेंडर पर हिंसा समान रूप से अनुचित है।
    उन्होंने कहा कि पितृसत्तात्मक सामाजिक सोच ने महिलाओं को अक्सर दोयम दर्जे का जीवन दिया है, इसलिए उनके अधिकारों की रक्षा के लिए सामूहिक जागरूकता आवश्यक है।

डॉ. वीणा सिन्हा का संबोधन—“मानव अधिकार उल्लंघन घर से शुरू होता है”

सरोकार की संरक्षक, लेखिका और स्वास्थ्य विभाग की सेवानिवृत्त एडिशनल डायरेक्टर डॉ. वीणा सिन्हा ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि—

  • गर्भावस्था के दौरान महिलाओं पर लिंग परीक्षण कराने का दबाव आम है।

  • कई मामलों में परिवार गर्भवती महिला के स्वास्थ्य से अधिक भ्रूण के लिंग को महत्व देता है।

  • बालिकाओं की कम उम्र में शादी, उम्र का असमान अंतर, स्वास्थ्य की उपेक्षा—ये सब मानव अधिकारों के स्पष्ट उल्लंघन हैं।

उन्होंने कहा कि महिलाओं के अधिकारों के साथ-साथ LGBTQ+ समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए भी समाज को संवेदनशील बनना होगा।
“जब तक संवाद नहीं होगा, बदलाव संभव नहीं”—उन्होंने ज़ोर देकर कहा।

कानून से ज्यादा ज़रूरी सामाजिक चेतना

राजीव गांधी कॉलेज की प्राचार्य सुश्री अपर्णा एलिया ने कहा कि मानव अधिकारों की रक्षा केवल कानूनों पर निर्भर नहीं होती, बल्कि लोगों की सामाजिक जागरूकता और नैतिक संवेदना इस दिशा में सबसे प्रभावी भूमिका निभाती है।

युवाओं ने लिया संकल्प—“देखेंगे, जानेंगे और आवाज़ उठाएंगे”

कार्यक्रम में युवा प्रतिभागियों ने कहा कि वे अपने आसपास होने वाले—

  • लैंगिक भेदभाव

  • मानसिक/शारीरिक हिंसा

  • सामाजिक असमानता
    को देखकर चुप नहीं रहेंगे।
    वे अपने कॉलेज, परिवार और समाज में जागरूकता और सकारात्मक संवाद को बढ़ावा देंगे।

उत्कृष्ट प्रतिभागियों का सम्मान

कार्यक्रम में प्रभावी प्रस्तुति देने वाले आठ प्रतिभागियों को सरोकार की ओर से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन सुश्री मंजू वर्मा ने किया।
कार्यक्रम के पूर्व अतिथियों को विद्यालय की ओर से प्रतीक चिन्ह भेंट किया गया।

कार्यक्रम में उपस्थित रहे

डॉ. दर्शना सोनी, प्रो. टी. पी. सिंह, डॉ. मोनिका वैद्य, सुश्री शबाना खान, डॉ. मंजू दुबे, सुश्री सरस्वती गुप्ता, भारती बुधोलिया, नीतू पटेल, राशि भारद्वाज और मयूरी खरे कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

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